रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है….रक्षाबंधन के त्यौहार पर बहने अपनी भाई की कलाई पर लंबी उम्र के लिए राखी बंधती हैं…और वही भाई भी बहन की रक्षा का वचन देता है…राखी की खरीददारी के लिए बाजारों में बहनों की भीड़ जुट गई है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस बार राखी रविवार, 22 अगस्त को मनाई जाएगी. और इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनके लिए दुआएं मांगती और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं. भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक इस त्योहार में कई लोग व्रत रखते हैं।
वहीं कोरोना कर्फ्यू खत्म होने के बाद अब रविवार को भी बाजार खुलेंगे. रक्षाबंधन पर दुकानें खुल सकेंगी. मिठाई कारोबारियों ने अपना स्टाक बढ़ा दिया है. रविवार को भी बिक्री का स्टाक तैयार किया है. वहीं इस बार का रक्षाबंधन कई वजहों से अलग है. कोरोना काल की शुरुआत में हुई घबराहट और डर की जगह अब समझदारी लेने लगी है. लोग जितना हो सकता है नकारात्मक मानसिकता से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं. सुरक्षित रहकर त्योहार मनाने के साथ ही खुशियों को फिर से पाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. और इस दौर ने लोगों को पर्यावरण, शुद्ध हवा, खान पान और हाइजीन को लेकर भी सतर्क रहना सिखाया है. इकोफ्रेंडली उत्पाद ऐसे ही प्रयासों की एक कड़ी है. इसलिए अब ज्यादा लोग इनको अपना रहे हैं.
वहीं इकोफ्रेंडली राखियां इस समय कई रूप और नामों से बाजार में उपलब्ध हैं. और इस बार प्लांटेबल राखी, सीड राखी आदि के नाम से ऑनलाइन या दुकानों पर उपलब्ध हैं.और खासकर ई कॉमर्स वेबसाइट्स पर इनकी कई वैरायटीज उपलब्ध हैं. केवल राखी ही नहीं इनके साथ गिफ्ट हैम्पर भी इकोफ्रेंडली पैकिंग में दिए जा रहे हैं. इसमें नारियल के खोल से बने गिफ्ट पैक, रिसाइकल हो सकने वाले पेपर से बने गिफ्ट पैक या जूट जैसी चीजों से बने गिफ्ट पैक मिल रहे हैं. यहां तक कि रोली और अक्षत रखने के लिए भी इकोफ्रेंडली मटेरियल यूज़ किये जा रहे हैं.
वहीं रक्षाबंधन का त्योहार इस बार 50 वर्षों बाद ऐसे विशेष संयोग पर मनाया जाएगा… इस बार रक्षा बंधन रविवार को मनाया जाएगा. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व श्रवण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है जो कि इस बार 22 अगस्त 2021 को है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन के दिन ग्रह एवं नक्षत्रों का शुभ संयोग बन रहा है. और इस दिन घनिष्ठा नक्षत्र के साथ ही शोभन योग है शोभन योग से शुभता में वृद्धि होगी. और इस दिन पूर्णिमा तिथि का मान शाम 5:31 बजे तक एवं धनिष्ठा नक्षत्र रात्रि 7:38 बजे तक है. और चंद्रमा कुंभ राशि में होंगे।
वहीं राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना उत्तम माना जाता है. बहनें रोली, अक्षत का टीका अपने भाई को लगाएं, घी के दीपक से आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें.
रक्षाबंधन को राखी, कजली, कजलियां, कजरी महोत्वस आदि नामों से जाना जाता है. इस त्यौहार को लेकर देश अलग-अलग भागों में अलग अलग मान्यताएं हैं. पौराणिक कथाओ के अनुसार, लक्ष्मी जी ने पहली बार राजा बलि को अपना भाई मानकर राखी बांधी थी. और इसके बदले में बलि से भगवान विष्णु को मांगा था.
बता दें भाई-बहन का रिश्ता बाकी सभी रिश्तों से अलग और बड़ा ही प्यारा होता है.और इस पवित्र रिश्ते की सबसे खास बात ये है कि इसमें नोंक-झोंक भी होती है. और प्यार भी होता है. इसी रिश्ते को और भी खूबसूरत और यादगार बनाने के लिए हर साल रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. और इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो वहीं भाई हमेशा बहन की रक्षा का वचन देता है