कानपुर: अफगानिस्तान में तालिबान का एक बार फिर कब्जा हो गया है और दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे अफगानियों में चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं। ऐसे में कानपुर के सीएसए में शिक्षा ग्रहण कर रहे अफगानिस्तान के छात्र फज्लुल्लाह सलीम को भी चिंता होना लाजिमी है। हालांकि अभी उसका परिवार वहां पर सुरक्षित है और वह भारत में अपने को महफूज मान रहा है। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुशल नीति से भारत में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिला है और आगे भारत में ही रोजगार की तलाश भी होगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) कानपुर में अफगानिस्तान के तीन छात्र अध्ययनरत हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते एमएससी वेजीटेबल के छात्र शम्स रहमान और बीएससी एग्रीकल्चर के छात्र हमदर्द अफगानिस्तान चले गये थे और तब से वह वापस नहीं आये। इन दिनों सीएसए के इंटरनेशनल हॉस्टल में एमएससी एग्रोनॉमी के छात्र फज्लुल्लाह सलीम ही रह रहे हैं। फज्लुल्लाह ने बुधवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चिंता बयां की।
सलीम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पड़ोसी देशों से बेहतर संबंध रखते हैं और उनके निवासियों को भी शिक्षा के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी कुशल नीति से मुझे भारत में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिला। भारत सरकार से हमें बराबर छात्रवृत्ति मिल रही है और शिक्षा ग्रहण करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। प्रधानमंत्री की इस नीति को लेकर बहुत-बहुत धन्यवाद।
अफगानिस्तानी छात्र से जब पूछा गया कि भारत से शिक्षा ग्रहण करने के बाद अफगानिस्तान वापस जाएंगे। इस पर उसने कहा कि अभी तो मैं शिक्षा ग्रहण कर रहा हूं। शिक्षा ग्रहण करने के बाद इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए भारत में ही रोजगार की तलाश करना प्राथमिकता होगी। अफगानिस्तान के बहुत से लोग यहां पर रोजगार कर रहे हैं।