नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कबाड़ नीति लॉन्च की। अब स्क्रैप (कबाड़) सर्टिफिकेट धारक को नई गाड़ी खरीदने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं देना होगा। साथ ही रोड टैक्स में भी छूट मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गुजरात में एक इन्वेस्टर समिट में कबाड़ नीति को लॉन्च करते हुए कहा कि यह नीति आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अगला कदम है। यह नीति ऑटो सेक्टर और न्यू इंडिया की मोबिलिटी को नई पहचान देगी।
उन्होंने कहा कि यह नीति देश में वाहनों की आबादी के आधुनिकीकरण, सड़कों से अनुपयुक्त वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से हटाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि मोबिलिटी में आधुनिकता न केवल यात्रा और परिवहन के बोझ को कम करेगी, बल्कि आर्थिक विकास के लिए भी मददगार साबित होगी। 21वीं सदी के भारत के लिए स्वच्छ, भीड़-भाड़ मुक्त और सुविधाजनक गतिशीलता का लक्ष्य समय की मांग है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई स्क्रैपिंग पॉलिसी वेस्ट टू वेल्थ- कचरे से कंचन के अभियान की सर्कुलर इकॉनॉमी की एक अहम कड़ी है। यह नीति देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास के प्रति हमारे समर्पण को भी दर्शाती है।
मोदी ने कहा कि आज एक तरफ भारत डीप ओशन मिशन (गहरे समुद्र मिशन) के माध्यम से नई संभावनाओं को तलाश रहा है, तो वहीं सर्कुलर इकॉनॉमी को भी प्रोत्साहित कर रहा है। कोशिश यह है कि विकास को हम टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पॉलिसी से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से बहुत लाभ होगा। सबसे पहला लाभ यह होगा कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा। यह सर्टिफिकेट जिसके पास होगा, उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। साथ ही उसे रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी।
आगे उन्होंने कहा कि दूसरा लाभ यह होगा कि पुरानी गाड़ी की मैंटेनेंस कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, ईंधन की भी बचत होगी। तीसरा लाभ सीधा जीवन से जुड़ा है। पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नोलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी। चौथा, इससे हमारे स्वास्थ्य प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें कमी आएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नई नीति से कबाड़ संबंधित क्षेत्र को नई ऊर्जा और सुरक्षा मिलेगी। कर्मचारियों और छोटे उद्यमियों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा और अन्य संगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों की तरह लाभ मिलेगा। वे अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों के लिए संग्रह एजेंट के रूप में काम करने में सक्षम होंगे।
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य पर खेद व्यक्त किया कि हमें पिछले वर्ष के दौरान 23,000 करोड़ रुपये मूल्य के स्क्रैप स्टील का आयात करना पड़ा, क्योंकि हमारा स्क्रैपिंग उत्पादक नहीं है और हम ऊर्जा और दुर्लभ पृथ्वी धातुओं को पुनर्प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत को गति देने के लिए भारत में इंडस्ट्री को टिकाऊ और उत्पादक बनाने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी वैल्यू चेन के लिए जितना संभव हो, उतना कम हमें इंपोर्ट पर निर्भर रहना पड़े।
उन्होंने कहा कि इथेनॉल, हाइड्रोजन फ्यूल हो या फिर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सरकार की इन प्राथमिकताओं के साथ इंडस्ट्री की सक्रिय भागीदारी बहुत जरूरी है। अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक इंडस्ट्री को अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। इसके लिए जो भी मदद आपको चाहिए, वह सरकार देने के लिए तैयार है।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan