नई दिल्ली :- महाराष्ट्र में दिन भर तेजी से चले राजनीतिक घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी मामले का फिलहाल मंगलवार देर रात पटाक्षेप हो गया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विवादित बयान देने के मामले में गिरफ्तार राणे को रायगड़ के महाड कोर्ट से जमानत मिल गई। इसके पूर्व राणे को महाराष्ट्र पुलिस रत्नागिरी में चिपलून के नजदीकी गडवली गांव से हिरासत में लेकर निकली और थाने-थाने घुमाती रही। पुलिस उन्हें पहले नासिक के संगमेश्वर पुलिस स्टेशन पहुंची। फिर उन्हें महाड पुलिस को सौंप दिया गया। ऐसा राणे के खिलाफ वहां भी मामला दर्ज होने के आधार पर किया गया। देर रात पता चला है कि मुख्यमंत्री को मारने के कथित आरोप में फिलहाल, राज्य के तीन जिलों में राणे पर चार मुकमे दर्ज हैं।
केंद्रीय मंत्री को महाड पुलिस ने मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने न्यायालय से राणे की सात दिन की रिमांड मांगी। इस पर नारायण के वकील ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की अपील की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने नारायण राणे को जमानत दे दी।
इसके पहले मंगलवार दिन में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने राज्य के विभिन्न स्थानों राणे के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किए। शिवसैनिकों ने मुंबई में राणे के निवास और उनके पारिवारिक मॉल के बाहर भी प्रदर्शन किया। मॉल में तोड़ फोड़ भी की गई, जबकि राणे के आवास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। उधर, नारायण राणे की गिरफ्तारी के विरोध में बीजेपी ने तीखा विरोध जताया। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्विट कर कहा है कि राणे की गिरफ्तारी पूरी तरह गैर लोकतांत्रिक है। हम इस गिरफ्तारी से उत्पन्न परिस्थितियों से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस और राज्य भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांच पाटिल ने महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर विरोधियों के दमन का आरोप लगाया था।
ज्ञातव्य है कि सोमवार को नारायण राणे पर आरोप लगा था कि उन्होंने रायगढ़ जिले के महाड में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी। इसके बाद नासिक जिले में पुलिस को दी गई शिकायत के आधार पर पुलिस उपायुक्त दीपक पांडे ने नारायण राणे को तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया।
नारायण राणे की ओर से रत्नागिरी जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया गया, जिसे जिला न्यायालय के न्यायाधीश संदीप शिंदे ने ठुकरा दिया था। फिर उच्च न्यायालय ने नारायण राणे के आवेदन पर तत्काल सुनवाई से मना कर दिया।
मंगलवार शाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने ट्वीट कर पार्टी के पूरी तरह राणे के साथ खड़े होने के संकेत दिए। नड्डा ने ट्वीट कर कहा, “महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस तरह की कार्यवाही से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे। भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान है। हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी।”
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan