गाजियाबाद: मसूरी थाना क्षेत्र के डासना स्थित देवी मंदिर परिसर में सो रहे साधु नरेशानन्द पर हुए कातिलाना हमले के विरोध में हिंदू संगठनों में उबाल है। विभिन्न हिंदू संगठनों ने बुधवार को हमलावरों पर रासुका लगाने और सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर घड़ियाल व मजीरे के साथ जोरदार प्रदर्शन किया।
इस दौरान संगठनों का प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने कहा कि देवी मंदिर पर सुरक्षा के मद्देनजर पूरी गारद तैनात है। इसके बावजूद भी मंदिर परिसर में घुसकर साधु पर हमला किया जाना, बेहद गंभीर मामला है। इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। वहीं, पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित पाठक ने मंदिर सुरक्षा में तैनात हेड कांस्टेबल अरविंद कुमार व कांस्टेबल दिनेश सिंह को ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है।
बीते मंगलवार को डासना के देवी मंदिर परिसर में सो रहे बिहार राज्य के निवासी साधु नरेशानन्द पर जानलेवा हमला किया था। हमलावरों ने उनकी गर्दन व पेट पर ताबड़तोड़ हमला किया था। उनको यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। मंदिर परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसके बावजूद भी किसी साधु पर हमला होना एक पहेली बनता जा रहा है। पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया। हिंदू संगठनों में रोष व्याप्त है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा से जुड़े बीके शर्मा (हनुमान) व परमार्थ समिति के अध्यक्ष वीके अग्रवाल के नेतृत्व में कई लोग कलेक्ट्रेट पर इकट्ठा हुए और प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें हमलावरों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने की मांग की गई है। साथ ही मंदिर परिसर की सुरक्षा और बढ़ाने की भी मांग की गई है।
वीके अग्रवाल ने कहा कि यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व में ही मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद को कई बार हमले की धमकी मिल चुकी है, इसके बावजूद भी पुलिस मंदिर की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। साधु पर हुआ जानलेवा हमला इसका जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मंदिर की सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई तो हिंदू समाज खुद सड़कों पर उतरकर अपनी रक्षा करेगा।
वही महंत यति नरसिंहानंद ने कहा है कि हमलावर उन पर हमला करने आए थे, लेकिन हमलावरों ने एक निर्दोष साधु पर हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।