औरैया: अगस्त के पहले सप्ताह पांच नदियों के संगम स्थल के इलाके में आईं भीषण बाढ़ के कारण सैकड़ों किसानों के सामने अन्न का संकट खड़ा हो गया है ।
जनपद की अजीतमल व औरैया तहसील क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ मुस्तकिल की भूमि पर बड़े स्तर से कटाव हुआ है। जिससे कुछ किसानों भूमि अपनी फसल भी नहीं बो पा पाएंगे। असेवा के कुछ किसानों को भूमि हीन होने का भी डर सताने लगा है अगर इस प्रकार से कटाव होता रहा तो फिर किसान अपनी फसल भी खेतों में नहीं बो पाएंगे ।
इसका प्रभावित जनपद जालौन एवं इटावा भी हैं। बाढ़ के कारण सैकड़ों एकड़ भूमि में तेज बहाव से कटा हो गया है और खेत उबड़ खाबड़ हो गए। एक बड़े भू भाग में वहीं बालू की मोटी परत भी उनके ऊपर जमा होने से यह संकट खड़ा हुआ है।
मालूम हो कि, यमुना के कछार इलाके में नदियों का पानी कम हो जाने के बाद यमुना की तलहटी में बसे ग्रामीण अपने कछार की भूमि बगैर खाद के लगाए व इस जमीन की जुताई सिर्फ एक या दो ही करनी पड़ती क्योंकि मिट्टी काली हो जाती थी। जिसको स्थानीय भाषा मे खोटा कहते जो कि बिना किसी खास लागत के अच्छी फसलों की पैदावार होती थी।
परन्तु इस बार बाढ़ ने किसानों की इस मंशा पर पानी फेर दिया है। जिस जगह पर किसान आगामी फसलों को बोने का इंतजार कर रहा था अब उसके ऊपर बालू की मोटी परत जमा हो गई है। जिससे किसानों को अब आने वाली फसलों के लिए भी संकट खड़ा हो गया है। यही नहीं बाढ़ के बाद यहां काफी मात्रा में हरा चारा भी इस बड़े भू भाग में पैदा हो जाता था जो उनके जानवरों के खाने के लिए 03 से 04 माह तक चलता था।
मगर अब उस जमीन पर बालू की मोटी परत जम जाने से जानवरों के चारे का भी संकट खड़ा हो गया है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि हर वर्ष इस काली मिट्टी पर गेहूं तथा अन्य उपयोगी फसलें भरपूर होती थी। मगर इस बार उनकी जगह पर सिर्फ बालू ही नजर आ रही है।
क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि इस विकराल समस्या पर समय रहते सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया तो कई गांव के किसान भूमिहीन हो जाएंगे और उनके सामने रोजगार का भी संकट खड़ा हो सकता है। यही नहीं वह लोग गांव को छोड़कर शहरों की ओर पलायन करने के लिए भी मजबूर हो जाएंगे। स्थानीय लेखपाल मोहित श्रीवास्तव ने बताया कि जिन किसानों की जमीन का नुकसान हुआ है उनकी सूची बनाकर जिला प्रशासन को प्रेषित कर दी गई है और उनको उचित मुआवजा दिया जाएगा। जिन लोगों के बाढ़ में मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन लोगों को भी मुख्यमंत्री राहत कोष से जल्द से जल्द आवास उपलब्ध कराए जाएंगे जिससे कि वह अपने निज मकान में रह सकें।