औरैया: बीते एक सप्ताह से बाढ़ का दंश झेल रहे ग्रामीणों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले बाढ़ के पानी ने उनकी समस्याओं को बढ़ाया था अब पानी उतरने के बाद गंदगी व उनके घरों में जमा कीचड़ ने उनकी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का पानी तो उतर गया मगर उनके सामने समस्याएं खड़ी कर गया है। फिलहाल वह लोग इस स्थिति से निपटने के पूरे प्रयास करने में जुटे हुए हैं। वहीं जिला प्रशासन की ओर से अब तक उन्हें कोई भी मदद मुहैया नहीं कराई गई है जिससे कि उनके गांव व घरों की साफ-सफाई हो सके।
बताते चलें कि लगातार होने वाली बारिश के कारण एवं धौलपुर के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद जनपद में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बहने लगा था। जिससे यमुना के तटीय क्षेत्र में बसे लगभग 03 दर्जन गांवों में यमुना का पानी भर गया था। जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। लोगों को इस यमुना के पानी ने घरों में कैद कर लिया था और जिनके मकान पानी में पूरी तरह से डूब गए थे वह लोग नाव व अन्य साधनों से ऊंचे स्थानों पर जाने को विवश हो गए थे। यही नहीं कुछ लोग इस त्रासदी के चलते गांवों से पलायन भी कर गए थे।
विकासखंड औरैया की ग्राम पंचायत असेवा का यही नजारा आज देखने को मिला। जहां पर देर रात यमुना का जलस्तर उतर गया था। सुबह जब ग्रामीण जागे तो उन्होंने अपने आसपास की कीचड़ व गंदगी का अंबार लगा हुआ देखा। ग्रामीणों का कहना है कि पानी उतर जाने के बाद बचे कीचड़ से भयंकर दुर्गंध आ रही है, जिससे उन लोगों का वहां रहना मुश्किल होता जा रहा है। ग्रामीण का कहना है यमुना का पानी गांव से निकल जाने के बाद वहां समस्याएं कम होने की बजाय बढ़ गई हैं। वहीं जिला प्रशासन द्वारा इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि कहीं महामारी न फैल जाए इसलिए जिला प्रशासन को उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डॉक्टरों की टीम भेजनी चाहिए। मगर अब तक वह भी नहीं आ सकी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शीघ्र एक त्रासदी से बचाए जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।