उज्जैन :- नागपंचमी का पर्व आज (शुक्रवार) को देशभर में मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में भी सुबह से श्रद्धालु मंदिरों में पूजन-अर्चन कर भगवान शिव और नाग देवता को प्रसन्न करने में जुटे हुए हैं। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर नागपंचमी पर्व पर ही वर्ष में एक बार 24 घण्टे के लिए खुलता है।
नाग पंचमी पर नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट गुरुवार देर रात्रि 12 बजे विधि विधान के साथ खुले। इस दौरान महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के महंत विनीत गिरी ने पूजन किया। तत्पश्चात मंदिर प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने शिवलिंग की पूजा की। इसके बाद देर रात से ही भगवान नागचंद्रेश्वर के ऑनलाइन दर्शन शुरू हो गए। नागपंचमी श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ऑनलाइन दर्शन कराए जा रहे हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रात्रि 12 बजे तक खुले रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक बार 24 घंटे के लिए केवल नागपंचमी के दिन ही खुलते हैं। मंदिर में 11वीं शताब्दीं की परमारकालीन बलुआ पत्थर से निर्मित एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा में शेषनाग स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे हैं। साथ में शिव पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित हैं। श्री गणेश की ललितासन, मूर्ति उमा के दांयी ओर श्री कार्तिकेय की मूर्ति एवं ऊपर की ओर सूर्य-चन्द्रमा भी अंकित हैं। भगवान शिव के गले और भुजाओं में सर्प लिपटे हुए हैं। बताया जाता है कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। मान्यता है कि उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर नागचंद्रेश्वर की मुख्य प्रतिमा-शिवलिंग के दर्शन होते हैं।
हर साल की तरह इस बार भी नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट गुरुवार रात्रि 12 बजे खोल दिये गए। पट खुलने के बाद भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा हुई। पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनीत गिरी द्वारा प्रथम पूजन एवं अभिषेक किया गया। इस बार भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर केवल ऑनलाइन ही कराए जा रहे हैं। सामान्य दर्शन प्रतिबंधित है।
Publish by- shivam Dixit
@shivamniwan